नई दिल्ली। इंडस्ट्री जगत ने सरकार से मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढाने पर जोर देने को कहा। साथ ही कृषि में कंपनियों को अनुमति देने की मांग की। वाणिज्य मंत्रालय और विभिन्न उद्योग मंडल प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई जिसमें उक्त कई सुझाव उद्योग जगत की ओर से रखे गए। बैठक में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण व मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा, सदस्यों ने कहा कि सरकार को मल्टी-ब्रांड रिटेल सेक्टर में एफडीआई सीमा बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। इसी तरह भारतीय कंपनियों को कृषि (एग्रीकल्चर फार्मिंग) करने की अनुमति देने का सुझाव भी आया। देश में बहु ब्रांड खुदरा कारोबार 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति है। मौजूदा सरकार मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार में एफडीआई की अनुमति के खिलाफ है, लेकिन उसने पिछली सरकार द्वारा मंजूर नीति को समाप्त नहीं किया है।
बैठक में भारत द्वारा किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए), स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के तरीकों और आर्थिक वृद्धि को बल देने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग जगत ने जो मुद्दे मुख्य रूप से उठाए उनमें आयात में बढ़ोतरी, कुछ क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धी क्षमता तथा बढ़ता निवेश शामिल है। मंत्री ने कहा कि उद्योग मंडलों ने एफटीए तथा उसके भारतीय अर्थव्यवस्था व व्यापार पर असर को लेकर भी चिंता जताई। मंत्री के अनुसार इन समझौतों की समीक्षा के समय उद्योग जगत के सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा।
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