नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय रसायन उद्योग में 2025 तक दस लाख करोड़ रुपये के करीब निवेश को आकर्षित करने की संभावनायें हैं। इस मामले को रसायन उद्योग को उसकी भू- स्थिति का लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकार का कहना है कि समूची रसायन मूल्य श्रृंखला में अवसर उपलब्ध हैं। इनमें अन्य क्षेत्रों के अलावा पीवीसी, मेथनॉल मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में निवेश की संभावनायें व्याप्त हैं।
रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौडा ने भारत- रसायन 2021 पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘हम इसको लेकर जागरुक हैं कि भारतीय रसायन उद्योग तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अहम् हिस्सा है। इसमें मौजूदा वर्तमान अवसरों को देखते हुये खेत्र में 2025 तक दस लाख करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित होने की संभावना है जिसमें लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है।’’ भारतीय रसायन उद्योग में व्यापक संभावनाओं और बेहतर अवसरों को देखते हुये यह दुनियाभर में निवेश का सबसे तरजीही स्थल बन गया है।
गौंड ने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक परिवेश और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में नये सिरे से तालमेल बेठने की स्थिति में भारत को चीन को मुकाबले अधिक तरजीह मिलने की उम्मीद से मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय भारत के लिये अवसर में बदल सकता है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने कहा कि संसद में पेश 2021- 22 के बजट में की गई घोषणा रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिये काफी उत्साहवर्धक हैं। इस संबंध में उन्होंने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का जिक्र किया। बजट में लघु- सिंचाई, ढांचागत क्षेत्र पर होने वाला खर्च, नाफ्था जैसे जरूरी माल पर आयात शुल्क में कमी तथा कई अन्य कदमों की घोषणा की गई है जिससे की क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
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