नई दिल्ली। पेट्रोलियम क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) में सरकार अपनी तीन प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इस बिक्री से उसे करीब 6,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। इस शेयर बिक्री के लिए गोल्डमैन सैक्स और सिटीग्रुप सहित पांच मर्चेंट बैंकरों का चयन किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने जिन अन्य बैंकरों को हिस्सेदारी बिक्री के प्रबंधन के लिए चुना है उनमें ड्यूश इक्विटीज, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज शामिल हैं। दीपम के समक्ष कल 10 मर्चेंट बैंकरों ने अपनी प्रस्तुति दी थी, जिनमें से पांच को चुना गया है।
प्रस्तुति देने वाले अन्य बैंकों में एक्सिस कैपिटल, कोटक इन्वेस्टमेंट, नोमुरा फाइनेंशियल, एडलवाइज फाइनेंशियल और आईडीएफसी बैंक शामिल थे। पेट्रोलियम क्षेत्र के इस प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम में सरकार की हिस्सेदारी 58.28 प्रतिशत है। सरकार का इरादा कंपनी में अपनी तीन प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री करने का है। IOC का शुद्ध लाभ 85 प्रतिशत बढ़ा, पीसी ज्वेलर्स को हुआ 110 करोड़ रुपए का मुनाफा
आईओसी का शेयर शुक्रवार को कारोबार के शुरुआती दौर में 4.65 प्रतिशत गिरकर 419.05 रुपए के आसपास चल रहा था। मौजूदा शेयर मूल्य पर तीन प्रतिशत शेयरों की बिक्री से सरकार को 6,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि आईओसी शेयर बिक्री के लिए हालांकि, समय अभी तय नहीं किया गया है, इस बारे में अंतिम निर्णय बाजार परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
सरकार ने इससे पहले आईओसी में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी अगस्त 2015 में 387 रुपए प्रति शेयर के भाव पर बेची थी और 9,369 करोड़ रुपए जुटाए थे। आईओसी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 85 प्रतिशत बढ़कर 3,720.62 करोड़ रुपए रहा। कंपनी को रिफाइनरी और भंडार में रखे माल पर अच्छा लाभ मिला। सरकार चालू वित्त वर्ष में अब तक नाल्को और हुडको में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री कर 2,400 करोड़ रुपए जुटा चुकी है।
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