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Hindi News पैसा बिज़नेस दोबारा सत्‍ता में आने के बाद मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, भ्रष्‍टाचार के आरोप में 15 अधिकारियों को नौकरी से निकाला

दोबारा सत्‍ता में आने के बाद मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, भ्रष्‍टाचार के आरोप में 15 अधिकारियों को नौकरी से निकाला

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों में से कुछ के खिलाफ या तो सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे या कुछ पर रिश्वत, जबरन वसूली और आय से अधिक संपत्ति के मामले थे।

Govt sacks 15 customs, central excise officers on charges of corruption- India TV Paisa Image Source : MODI GOV Govt sacks 15 customs, central excise officers on charges of corruption

नई दिल्‍ली। भ्रष्‍टाचार और रिश्‍वत खोरी को रोकने के लिए मोदी सरकार कितनी प्रतिबद्ध है, इस बात का अंदाजा आपको यह खबर पढ़कर लग जाएगा। भ्रष्‍ट आयकर अधिकारियों को बर्खास्‍त करने के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को 15 वरिष्‍ठ कस्‍टम और सेंट्रल एक्‍साइज अधिकारियों को नौकरी से बेदखल कर दिया है। इनमें एक अधिकारी प्रिंसीपल कमिश्‍नर रैंक का है। सरकार ने भ्रष्‍टाचार और रिश्‍वतखोरी के आरोप में इन अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्‍त किया है।

मौलिक नियमों के नियम 56(जे) के तहत सरकार ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्‍ट टैक्‍स एंड कस्‍टम (सीबीआईसी) अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्‍त किया है। इनमें प्रिंसीपल कमिश्‍नर से लेकर असिस्‍टेंट कमिश्‍नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। वित्‍त मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि इनमें कई अधिकारी पहले से ही सस्‍पेंड चल रहे थे।  

वित्‍त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों में से कुछ के खिलाफ या तो सीबीआई ने भ्रष्‍टाचार के मामले दर्ज किए थे या कुछ पर रिश्‍वत, जबरन वसूली और आय से अधिक संपत्ति के मामले थे।  

नौकरी से निकाले गए 15 अधिकारियों में प्र‍िंसीपल कमिश्‍नर अनूप श्रीवास्‍तव और ज्‍वाइंट कमिश्‍नर नलिन कुमार भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने 1996 में श्रीवास्‍तव के खिलाफ एक आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था और आरोप लगाया था कि उन्‍होंने हाउस बिल्डिंग सोसाएटी को नियमों का उल्‍लंघन कर जमीन खरीदने के लिए एनओसी दिलाने के बदले रिश्‍वत ली थी।

वित्‍त मंत्रालय ने ट्विट कर बताया कि मौलिक नियमों के नियम 56 के खंड(जे) द्वारा प्रदत्‍त शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत के राष्‍ट्रपति ने भारतीय राजस्‍व सेवा के 15 अधिकारियों को 50 वर्ष की आयु पूरी करने पर सार्वजनिक हित में तत्‍काल सेवानिवृत्‍त कर दिया है। इन सभी 15 अधिकारियों को तीन महीने तक उनके अंतिम वेतन और भत्‍तों का भुगतान किया जाएगा।

मौलिक नियमों का नियम 56(जे) सार्वजनिक हित में किसी भी सरकारी कर्मचारी को तीन महीने का नोटिस देकर सेवानिवृत्‍त करने का अधिकार प्रदान करता है। नौकरी से सेवानिवृत्‍त किए गए अधिकारियों में कोलकाता के कमिश्‍नर संसार चंद, चेन्‍नई के कमिश्‍नर जी श्री हर्षा, कमिश्‍नर रैंक के अधिकारी अतुल दीक्षित और विनय ब्रिज सिंह, डिप्‍टी कमिश्‍नर अमरेष जैन, एडिशनल कमिश्‍नर अशोक महीदा, एडिशनल कमिश्‍नर वीरेंद्र अग्रवाल, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर एसएस पबाना, एसएस बिष्‍ट, विनोद सांगा, राजू सेकर, मोहम्‍मद अल्‍ताफ और डिप्‍टी कमिश्‍नर अशोक असवाल शामिल हैं।

पिछले हफ्ते, सरकार ने भ्रष्‍टाचार, धोखाधड़ी और पेशेवर दुराचार के आरोप में 12 आयकर अधिकारियों को नौकरी से सेवानिवृत्‍त किया था और भ्रष्‍टाचार के आरोप में 4 ज्‍वाइंट कमिश्‍नर रैंक के आयकर अधिकारियों को डिप्‍टी कमिश्‍नर रैंक में डिमोट कर दिया था।

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