सरकार ने 2 लाख की नगद ज्वैलरी खरीद पर वापस लिया 1 फीसदी टीसीएस, 5 लाख तक की खरीदारी पर नहीं लगेगा टैक्स
सरकार ने 5 लाख रुपए तक की गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी पर लगने वाले एक फीसदी TCS को वापस ले लिया है। ज्वैलर्स लंबे समय से इसका विरोध कर रहे थे।
नई दिल्ली। सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी पर लगने वाले एक फीसदी टीसीएस (टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स) को वापस ले लिया है। अब आपको 2 लाख रुपए या इससे अधिक की नकद गोल्ड ज्वैलरी खरीदारी पर टैक्स नहीं देना होगा। सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पेश किए गए बजट में इस टैक्स का प्रावधान किया गया था। लेकिन देशभर में ज्वैलर्स के विरोध और हड़ताल के कारण सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने टीसीएस छूट की सीमा बढ़कर 5 लाख रुपए कर दी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे गोल्ड ज्वैलरी की मांग बढ़ सकती है।
ज्वैलर्स को सरकार ने दी बड़ी राहत
सरकार के इस कदम से ज्वैलर्स को बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। टैक्स को लेकर देशभर के ज्वैलर्स ने 42 दिनों तक हड़ताल की थी। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बछराज बामलवा का कहना है-
टीसीएस लागू होने की सीमा बढ़ाया जाना ‘उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, जो शादी की ज्वैलरी खरीदने वाले हैं। टैक्स खत्म होने की स्थिति में ज्वैलरी की डिमांड बढ़ सकती है।
वहीं 2016 की पहली तिमाही में देश में सोने की मांग सात वर्षों के निचले स्तर पर चली गई थी। तब सेल्स साल दर साल आधार पर 41 फीसदी घटकर 88.4 टन पर आ गई थी। यह पांच वर्षों के औसत (156.7 टन) से 44 फीसदी कम था।
इसलिए लागू हुआ था टीसीएस
साल 2012 में 5 लाख रुपए या इससे ज्यादा की ज्वैलरी की नकद खरीदारी और 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा के बुलियन की नकद खरीदारी पर एक फीसदी टीसीएस लागू किया गया था। केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में ज्वैलरी पर टीसीएस लगने की सीमा को घटाकर 2 लाख रुपए की नकद खरीदारी पर ला दिया था। टीसीएस को टैक्स चोरी रोकने और ब्लैक मनी ट्रांजैक्शंस पर लगाम कसने के मकसद से लागू किया गया था। बिक्री के वक्त विक्रेता यह टीसीएस खरीददार से कलेक्ट करता है और यह रकम सरकार के पास जमा की जाती है। जिस व्यक्ति से टीसीएस लिया जाता है, उसे उसके इनकम टैक्स रिटर्न में उतनी ही रकम का क्रेडिट मिल जाता है।