नई दिल्ली। देश का चीनी उत्पादन, विपणन वर्ष 2020-21 में 3.02 करोड़ टन रहने का अनुमान है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह अनुमान पहले अनुमान से लगभग आठ लाख टन कम होने के बावजूद पिछले सत्र के उत्पादन से काफी ऊंचा है। चीनी वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्पादन 2.74 करोड़ टन था। अधिकारी ने बताया, " मिलें 2.34 करोड़ टन चीनी का उत्पादन कर चुकी हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई का काम इस महीने खत्म होगा, जबकि उत्तर प्रदेश में पेराई मई तक जारी रहेगी।"
गन्ना उत्पादक राज्यों से मिली जानकारियों के आधार पर, सरकार ने आरंभ में चालू वर्ष में 3.1 करोड़ टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान जताया था। अधिकारी ने कहा, " उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है। इस कारण उत्पादन पहले अनुमान से घट कर 3.02 करोड़ टन रहने की संभावना है।" देश के शीर्ष दो चीनी उत्पादक राज्यों, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र, में चीनी उत्पादन अपने प्रारंभिक अनुमान के मुकाबले कुछ कम होगा। उत्तर प्रदेश में उत्पादन 1.02 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले साल 1.26 करोड़ टन था। इसी तरह, महाराष्ट्र में इस साल चीनी उत्पादन 1.02 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल 61 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इन दो राज्यों में से प्रत्येक के लिए प्रारंभिक चीनी उत्पादन अनुमान चालू वर्ष के लिए 1.05 करोड़ टन का था।
आधिकारी ने कहा कि देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी का उत्पादन विपणन वर्ष 2020-21 में बढ़कर 47 लाख टन होने का अनुमान है। चालू वर्ष का चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन की वार्षिक आवश्यकता से अधिक होने की संभावना है। चीनी के अलावा, चीनी मिलें पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले इथेनॉल बना रही हैं। देश की चीनी मिलें सरकार द्वारा तय किये गये कोटा के अनुरूप चीनी का निर्यात भी कर रही हैं।
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