नई दिल्ली। सरकार ने किसी भी वस्तु एवं सेवा की खरीद के लिए 2 लाख रुपए से अधिक के नकद भुगतान पर लगाए जाने वाले एक प्रतिशत स्रोत पर टैक्स वसूली (TCS) की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है कि क्योंकि एक अप्रैल से दो लाख रुपए से अधिक के नकद लेनदेन को प्रतिबंधित किया जा रहा है। ऐसे में टीसीएस की व्यवस्था को कोई औचित्य ही नहीं रह जाता।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2016-17 के बजट भाषण में किसी वस्तु या सेवा की बिक्री पर दो लाख रुपए से अधिक के नकद भुगतान पर एक प्रतिशत का कर संग्रहण किए जाने की व्यवस्था की थी। सोना-चांदी के मामले में दो लाख रुपए और आभूषणों के मामले में पांच लाख रुपए से अधिक की नकद खरीद पर टीसीएस का प्रावधान रखा गया था।
हालांकि पिछले महीने पेश 2017-18 के बजट में उन्होंने तीन लाख रुपए से अधिक के नकद लेन-देन पर प्रतिबंध का नया प्रावधान किया था पर वित्त विधेयक 2017 में एक एक संशोधन के माध्यम से इसे कम करके अब दो लाख रुपए कर दिया गया है। वित्त विधेयक 2017 में संशोधन कर अब दो प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिसमें आभूषण समेत सेवा एवं वस्तुओं की खरीद पर स्रोत पर कर कटौती समाप्त कर दी गई है।
संशोधन के बाद इसमें से धारा 206 सी की उपधारा 1डी और 1ई को हटा दिया गया है। अब दो लाख रुपए से अधिक के नकद लेन-देन पर सौदे की राशि के बराबर अर्थ दंड का प्रावधान किया गया है। यह दंड नकद राशि ग्रहण करने वाले को भरना होगा।
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