एफडीआई नियमों में सुधार से निवेश, रोजगार बढ़ेगा: उद्योग जगत
सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील से बड़ा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
नई दिल्ली। सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील से बड़ा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उद्योग जगत ने यह राय जताई। सरकार ने नागर विमानन, एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र, रक्षा और फार्मा में एफडीआई नियमों को और उदार बनाते हुए इनमें ढील दी है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, एफडीआई नियमों का उदारीकरण सरकार की सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे निवेशकों को यह भरोसा ला है कि कारोबार सुगमता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बनर्जी ने कहा कि घोषित एफडीआई नियमों से खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा उत्पादन, फार्मास्युटिकल्स और नागर विमानन क्षेत्रों में नया बड़ा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। फिक्की महासचिव ए दीदार सिंह ने रक्षा और विमानन जैसे क्षेत्रों में नीतिगत ढांचे को सरल किए जाने को अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इन कदमों से एक बार फिर यह जतलाने का प्रयास किया है कि सुधार सतत प्रक्रिया है और इससे भारत की संभावित क्षमता का लाभ उठाया जा सकता है।
सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच से संबंधित मामलों में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी मार्ग से अनुमति दी है। सरकार ने इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रावधान को समाप्त किया है। एसोचैम महासचिव डी एस रावत ने कहा कि इस फैसले से रक्षा क्षेत्र में निवेश तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने में मदद मिलेगी। इससे पूंजी आएगी और मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) अपनी इकाइयां लगा सकेंगे। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा, नियमों को उदार बनाने के ताजा कदमों से विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
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