नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि उसे कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फ़ंड (एआईएफ) योजना के तहत 8,216 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 8,665 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एआईएफ फसल कटाई के बाद के उसके प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। वर्ष 2020-21 से लागू की जा रही इस दस वर्ष की योजना के तहत, बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा कृषि बुनियादी ढ़ांचा खड़ा करने के लिए कुल एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य है। इस पर सरकार तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता देगी और तीन करोड़ रुपये तक की राशि के कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई (सूक्ष्म और लघु उद्यम के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट) के माध्यम से गारंटी दी जाएगी।
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड ने 8,216 करोड़ रुपये के 8,665 आवेदन प्राप्त करने के बाद 8,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है।" इसमें कहा गया है कि इन आवेदनों में से अब तक 4,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि के कर्ज मंजूर किए जा चुके हैं। अधिक आवेदन, कृषि उद्यमियों और व्यक्तिगत किसानों से और उसके बाद प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) से प्राप्त हुए हैं। सबसे आगे आंध्र प्रदेश (2,125 आवेदन), मध्य प्रदेश (1,830), उत्तर प्रदेश (1,255), कर्नाटक (1,071) और राजस्थान (613 आवेदन) हैं। इन पहलों के कारण न केवल आवेदनों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि आधारभूत ढांचा परियोजना जैसे कि कस्टम हायरिंग केंद्रों और फार्म मशीनरी बैंकों में लोगों की रुचि बढ़ी है, जिसके लिए 130 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
लगभग 200 आवेदन स्मार्ट और सटीक कृषि के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसने एक पोर्टल बनाया है जहां इन योजना के लिए अंशधारक आवेदन जमा कर सकते हैं और आवेदनों की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं।
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