नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि सौ सरकारी कंपनियों और निगमों ने 2018-19 के दौरान केंद्र को 36,709 करोड़ रुपये के लाभांश दिये। संसद में मंगलवार को पेश कैग रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘सौ सरकारी कंपनियों और निगमों ने 2018-19 के दौरान कुल 71,857 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा की है।’’ ‘‘इसमें से केंद्र सरकार को 36,709 करोड़ रुपये का लाभांश मिला। यह सभी सरकारी कंपनियों और निगमों में किये गये भारत सरकार के 4,00,909 करोड़ रुपये के कुल निवेश पर 9.16 प्रतिशत प्रतिफल के बराबर है।’’
इसके अनुसार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन आने वाली 13 सरकारी कंपनियों ने 29,272 करोड़ रुपये का योगदान दिया जो सरकारी कंपनियों और निगमों द्वारा घोषित कुल लाभांश का 40.74 प्रतिशत है। कैग ने कहा कि 36 केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) ने लाभांश घोषणा को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश का अनुपालन नहीं किया। इससे 2018-19 में लाभांश भुगतान में 8,011.33 करोड़ रुपये की कमी रही। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 157 केंद्रीय लोक उपक्रमों को 2018-19 के दौरान घाटा हुआ। कुल घाटा 37,310 करोड़ रुपये रहा जो 2017-18 में 41,180 करोड़ रुपये था। कैग के अनुसार 189 सरकारी कंपनियों और निगमों का 31 मार्च, 2019 को संचित घाटा 1,40,307.55 करोड़ रुपये रहा। इनमें से 77 कंपनियों का संचित घाटा नेटवर्थ को पार कर गया था। यानी उनका नेटवर्थ समाप्त हो गया था। इसके कारण, 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार इन कंपनियों की शुद्ध परिसम्पत्ति शुद्ध देनदारी से 83,394.28 करोड़ रुपये कम रही। इन 77 कंपनियों में से 15 ने 2018-19 के दौरान कुल मिला कर 662.45 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
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