नई दिल्ली। सरकार ने पोंजी स्कीम पर लगाम लगाने के इरादे से संशोधित विधेयक का मसौदा पेश किया है। इसमें पोंजी योजना के परिचालकों को दस साल तक की जेल की सजा तथा 50 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
बिना नियमन वाली जमा योजना पर प्रतिबंध तथा जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण 2016 विधेयक के संशोधित मसौदे का मकसद ऐसी योजनाओं पर प्रतिबंध लगाना तथा जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण करना है।
सेबी ने पोंजी योजनाओं के खिलाफ अब तब 567 मामले दर्ज किए
- इस विधेयक के मसौदा को अंतर मंत्रालयी समूह की सिफारिशों के आधार पर अंतिम रूप दिया गया है।
- इसमें पोंजी स्कीम के दोषी को कम से कम एक साल की सजा, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता और 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- दोबारा अपराध की स्थिति में कम से कम पांच साल से लेकर दस साल तक की सजा तथा 50 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
- प्रस्तावित कानून पर 17 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी गई हैं।
- इसमें गलत तरीके से लोगों को आकर्षित करने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव है।
- ऐसी स्थिति में ऐसी कंपनियों के निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाया जाएगा।
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