नई दिल्ली। एनपीए के बोझ से दबे सार्वजनिक बैंकों के खातों में स्वच्छता अभियान के तहत साफ-सफाई करने के लिए सरकार ने आज तीन बैंकों का आपस में विलय करने का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने इस महाविलय के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनाने का प्रस्ताख रखा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय कर देश का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनाने का प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय करने की घोषण की है। इनके विलय के बाद बनने वाला नया बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा। वित्तय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा कि विलय प्रक्रिया के दौरान इन तीनों बैंकों के कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैंकों का विलय बिना किसी रोजगार नुकसान के साथ हुआ था। कुमार ने कहा कि यह तीनों बैंक विलय के बाद भी स्वतंत्रतापूर्वक अलग-अलग काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि विलय से परिचालन क्षमता और ग्राहक सेवा में सुधार लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह अगले चरण के बैंकिंग सुधार का समय है। विलय की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। सरकार का उद्देश्य सरकारी बैंकों की संख्या कम कर उनकी वित्तीय क्षमता को बढ़ाना और संकट ग्रस्त खातों में कमी लाना है।
कुमार ने कहा कि बैंकों के विदेशों में परिचालन को युक्तिसंगत बनाने का काम जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐेसे कदम उठाने को लेकर गंभीर है ताकि जहां तक एनपीए (फंसे कर्ज) का सवाल है, इतिहास स्वयं को नहीं दोहराए।
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