It's not 'Fare': हवाई सफर हो सकता है महंगा, नई सिविल एविएशन पॉलिसी में अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव
ड्राफ्ट सिविल एविएशन पॉलिसी में सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टिकट पर दो फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है, इससे हवाई सफर महंगा हो सकता है।
नई दिल्ली। देश में हवाई सफर को किफायती बनाने और रीजन एयर कनेक्टीविटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को नई सिविल एविएशन पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया है। हालांकि यह ड्राफ्ट पॉलिसी देश में हवाई सफर को किफायती बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है, लेकिन इसमें एक प्रस्ताव ऐसा है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सफर को महंगा कर सकता है। ड्राफ्ट सिविल एविएशन पॉलिसी में रीजनल एयर कनेक्टीविटी को बढ़ावा देने के लिए सभी घरेलू और अंतरराष्ट्री टिकट पर दो फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इससे टिकटों की कीमत बढ़ेगी और सरकार को सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। यह अतिरिक्त टैक्स कैट2ए और रीजनल कनेक्टीविटी स्कीम पर लागू नहीं होगा।
ड्राफ्ट सिविल एविएशन पॉलिसी के अन्य प्रस्ताव
- ओपन स्काई पॉलिसी के तहत घरेलू एयरलाइंस कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 50 फीसदी से ज्यादा की जाए। वर्तमान में घरेलू एयरलाइंस में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी है।
- रीजनल कनेक्टीविटी स्कीम के तहत एक घंटे के हवाई सफर के लिए किराया 2500 रुपए तय किया जाए। – देश में मैंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल बिजनेस को बूस्ट करने के लिए इस पर सर्विस टैक्स शून्य रखा जाए।
- बंद पड़े एयरपोर्ट को चालू किया जाए और देश में नो-फ्रिल एयरपोर्ट्स का निर्माण किया जाए।
- एयरोनोटिक्स में मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाए और हेलीकॉप्टर सेवा के लिए अलग से रेगूलेशन पॉलिसी तैयार की जाए।
- एयरलाइंस को अधिक ढील दी जाए, पारदर्शिता बढ़ाई जाए तथा ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जाए। FY16 में एयरलाइंस कंपनियों को घाटा होगा कम, हवाई यात्रियों को मिलेगा फायदा
सिविल एविएशन सेक्रेटरी राजीव नयन चौबे ने ड्राफ्ट सिविल एविएशन पॉलिसी को जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि NCAP2015 इस तरह तैयार की जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग हवाई सफर कर सकें। ड्राफ्ट सिविल एविएशन पॉलिसी को आम जनता के लिए तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य देश में हवाई यात्रियों की संख्या, जो वर्तमान में 7 करोड़ है, 2022 तक बढ़ाकर 30 करोड़ और 2027 तक 50 करोड़ तक पहुंचा दिया जाए।
5/20 नियम: पॉलिसी में कहा गया है कि या तो इसे रखा जाए या फिर पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए। इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि जो घरेलू एयरलाइंस 300 घरेलू फ्लाइंग क्रेडिट हासिल कर ले तो उसे सार्क देशों में उड़ान भरने की अनुमति दी जाए और अन्य देशों के लिए 600 घरेलू फ्लाइंग क्रेडिट हासिल करने की शर्त रखी जाए। 5/20 नियम पर अंतिम निर्णय कैबिनेट लेगी। 5/20 का नियम यह है कि कोई भी घरेलू एयरलाइंस अंतरराष्ट्रीय रूट पर तभी उड़ान भर सकती है, जब उसे घरेलू बाजार में 5 वर्ष का अनुभव हो और उसके फ्लीट में 20 जहाज शामिल हों।