नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज 3 सरकारी बीमा कंपनियों में 2500 करोड़ डालने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इन बीमा कंपनियों में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी शामिल है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक कैबिनेट ने कंपनियों की बिगड़ती आर्थिक हालत को देखते हुए तुरंत प्रभाव से 2500 करोड़ रुपये पारित कर दिए हैं। कंपनियों में कैपिटल डालने का फैसला मार्च 2020 के अंत तक तीनो कंपनियों के विलय से पहले ही आया है। जनवरी में ही वित्त मंत्रालय ने कहा था कि तीनो सरकारी साधारण बीमा कंपनियों के विलय की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। विलय पर अंतिम फैसला कैबिनेट के पास है। हालांकि कंपनियों की बिगड़ती वित्तीय सेहत को देखते हुए अब तक विलय को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो सका। विलय प्रक्रिया पर आगे बढ़ने से पहले सरकार कंपनियों में स्थिरता चाहती इस वजह से ही कैबिनेट ने तीनों कंपनियों में रकम डालने का फैसला लिया है।
साल 2018-19 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीनो कंपनियों को विलय कर एक बीमा कंपनी बनाने का ऐलान किया था। 31 मार्च 2017 तक के आंकड़ों के मुताबिक तीनों कंपनियों के पास 200 से ज्यादा बीमा उत्पाद हैं। वहीं कुल प्रीमियम 41461 करोड़ और 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है।
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