नई दिल्ली। पिछले दस महीनों से लगातार घट रहे एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) का दायरा बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त टेक्सटाइल, टेलिकॉम और इलेक्ट्रॉनिक समेत कई प्रमुख उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त ड्यूटी बेनेफिट देने की घोषणा की है।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर भारतीय निर्यातकों के समक्ष आ रही प्रमुख चुनौतियों को देखते हुए वाणिज्य विभाग ने विभिन्न उत्पादों के निर्यात के लिए समर्थन बढ़ाने की घोषणा की है। इसके अलावा कुछ अतिरिक्त उत्पादों को एमईआईएस में शामिल किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिए आबंटित राशि 18,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसके अलावा एमईआईएस में संशोधन कर 110 नई टैरिफ लाइन (उत्पाद वर्ग) शामिल किए गए हैं और 2,228 अन्य उत्पादोंे के लिए ड्यूटी बेनेफिट की दरों में बढ़ोतरी या देशों का विस्तार किया गया है। एमईआईएस के तहत सरकार उत्पाद और देश के आधार पर दो प्रतिशत, तीन प्रतिशत और पांच प्रतिशत ड्यूटी बेनेफिट निर्यातकों को देती है। कारोबार करने के लिहाज से सुधरी भारत की रैंकिंग, बिजनेस ऑप्टीमिजम लिस्ट में दूसरा स्थान
निर्यातकों के संगठनों के परिसंघ फियो ने कहा कि प्रोत्साहन बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की कीमतें प्रतिस्पर्धी होंगी और निर्यात में मौजूदा गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि 3,000 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन से भारतीय निर्यातकों को इस चुनौतीपूर्ण समय में मदद मिलेगी। टेक्सटाइल, फार्मास्युटिकल्स, परियोजना वस्तुएं, वाहन कलपुर्जे, दूरसंचार, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रेल परिवहन उपकरणों पर ड्यूटी बेनेफिट वैश्विक स्तर पर मिलेगा। अभी तक इन उत्पादों पर बेनेफिट सिर्फ कुछ देशों के लिए दिया जाता था। सितंबर में लगातार दसवें महीने देश से वस्तुओं का निर्यात 24.33 फीसदी घटकर 21.84 अरब डॉलर रह गया है।
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