नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को व्यक्तिगत करदाताओं के लिए निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR) करने के लिए नया और आसान फॉर्म अधिसूचित कर दिया है। यह नया फॉर्म एक अप्रैल से उपलब्ध होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फॉर्म अधिसूचित किए हैं।
फिलहाल, वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा सहज (आईटीआर1) फॉर्म भरा जाता था और आईटीआर2 का इस्तेमाल ऐसे व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) द्वारा किया जाता है, जिनकी आय में कारोबारी आय शामिल नहीं होती है। सरकार ने आईटीआर2ए फॉर्म को समाप्त कर दिया है। (इनका उपयोग ऐसे व्यक्तियों और एचयूएफ द्वारा किया जाता है जिनकी कारोबार या किसी पेशे तथा पूंजीगत लाभ से आय नहीं है और जिनके पास विदेशी संपत्ति नहीं है)
फिलहाल देश में 29 करोड़ लोगों के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) है लेकिन फिलहाल केवल छह करोड़ पैनधारक ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं। आईटीआर1 के लिए ई-फाइलिंग सुविधा 1 अप्रैल से शुरू होगी। 31 जुलाई 2017 ई-फाइलिंग की अंतिम तिथि है। फॉर्म को फाइल करते वक्त करदाताओं को अपना पैन नंबर, आधार नंबर, व्यक्तिगत जानकारी और कर संबंधी जानकारी भरनी होगी।
एक जुलाई के बाद वित्त विधेयक 2017 में किए गए संशोधन के मुताबिक आईटीआर फाइल करने के लिए आधार नंबर बताना अनिवार्य होगा। साथ ही आईटीआर 4 को अब सुगम के नाम से जाना जाएगा और आईटीआर-4एस का स्थान लेगा। आईटीआर-4ए का उपयोग वे लोग और एचयूएफ या भागीदारी फर्म करती हैं जिनकी आय अनुमान आधारित होती हैं।
नोटबंदी के बाद दो लाख रुपए या अधिक जमाओं की जानकारी देनी होगी नए फॉर्म में
नोटबंदी के बाद दो लाख रपये या अधिक की जमाएं करने वाले करदाताओं को इसका खुलासा नए आईटीआर फॉर्म में करना होगा। वेतन, मकान संपत्ति या अर्जित ब्याज से कुल मिलाकर 50 लाख रुपए तक की आय वाले करदाताओं को इसके बारे में सूचना नए एक पन्ने के सरलीकृत आईटीआर-1 सहज में जानकारी देनी होगी।
आईटीआर-1 के कॉलम पार्ट-ई में नोटबंदी की अवधि के दौरान जमाओं की जानकारी देनी होगी। इसमें कहा गया गया है कि क्या 9 नवंबर 2016 स 30 दिसंबर 2016 के दौरान कुल नकदी जमा दो लाख रुपए या इससे अधिक रही। इसके साथ ही विभाग ने 12 अंक का आधार नंबर भी अनिवार्य कर दिया है। आधार नंबर नहीं होने पर 28 अंक का आधार नामांकन अंक देना होगा।
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