नई दिल्ली। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार सोने के लिए कोई माफी योजना लाने के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। वित्त राज्य मंत्री के इस उत्तर के बाद उन रिपोर्ट का खंडन हो गया है, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार सोने के लिए भी एक माफी योजना लाने जा रही है।
आपको बता दें कि इनकम टैक्स विभाग ने देश में एक व्यक्ति के पास सोना रखने की सीमा निर्धारित की है। इस सीमा से अधिक सोने को कालाधन माना जाएगा। इनकम टैक्स विभाग ने विवाहित महिला के लिए 500 ग्राम की आभूषण, अविवाहित महिला के लिए 250 ग्राम गोल्ड ज्वैलरी और पुरुषों के लिए 100 ग्राम आभूषण की सीमा तय की है।
पूर्व में आई मीडियो रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार एक माफी योजना पर विचार कर रही है, जो व्यक्तियों और इकाईयों को अपने बेहिसाबी सोने की घोषणा करने की अनुमति देगी और उन पर इसके लिए कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं होगी।
इस माफी योजना के तहत कालेधन से सोना खरीदने वाले लोगों को इसे सफेद बनाने का एक मौका दिया जाएगा। इसके तहत वह अपने स्वर्ण भंडार की घोषणा और उस पर कर चुकाकर बच सकते हैं। व्यक्ति द्वारा बिना बिल के खरीदे गए सोने के कुल भंडार को घोषित करना होगा और उसके संपूर्ण मूल्य पर कर का भुगतान करना होगा।
ऐसा अनुमान है कि भारतीयों के पास 20,000 टन सोने का भंडार है। हालांकि, अवैध आयात और पैतृक संपत्ति को मिलाकर इसका भंडार 25,000 से 30,000 टन तक है। कालेधन को खत्म करने के लिए सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी।
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