नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सात राज्यों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए करीब 80,000 घर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट पर कुल 4,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी। ये घर सात राज्यों के 163 शहरो में बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मकान बनाए जाने की घोषणा की है।
हर घर के लिए 1.50 लाख रुपए
शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने कहा, हर घर के लिए 1.50 लाख रुपए की दर से कुल 1,226 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रदान की जाएगी। वहीं परियोजना की कुल लागत 4,076 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। एचयूपीए सचिव नंदिता चटर्जी के अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। समिति ने सात राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर यह घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल में बनेंगे सबसे अधिक घर
एक सरकारी विग्यप्ति में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में कुल 27,830 मकानों को मंजूरी दी गई है। इसके बाद तेलंगाना में 22,817 घर , बिहार में 13,315 मकान, मिजोरम में 8,922 आवास, राजस्थान में 6,052 आवास, झारखंड में 2,337 आवास और उत्तराखंड में 484 आवासों को मंजूरी दी गई है। 58,456 घर स्कीम के तहत आने वाले लोग खूद बना सकते हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकार मदद करेगी। वहीं 23,301 घर ‘अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप’ के अंतरगत बनाई जाएगी।
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