नई दिल्ली। इस साल गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान को देखते हुए सरकार किसानों के हित में इसके आयात पर शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। यह जानकारी बुधवार को कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने दी।
8 दिसंबर 2016 को सरकार ने सरकार ने गेहूं पर कस्टम्स ड्यूटी 10 फीसदी से घटा कर शून्य कर दिया था ताकि घरेलू बाजार में उपलब्धता बनी रहे और कीमतों में इजाफा न हो।
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अब फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई-जून) में गेहूं के रिकॉर्ड 966.40 लाख टन उत्पादन के अनुमानों को देखते हुए इस बात की चिंता है कि जब नई फसल बाजार में आएगी तो कीमतों पर दबाव होगा।
कृषि सचिव पटनायक ने कहा कि,
गेहूं पर आयात शुल्क लगाना चाहिए या नहीं इस पर अंतिम रूप से विचार किया जा रहा है। मंत्रालय इस मसले पर विचार कर रहा है और प्रक्रिया चल रही है।
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मालूम हो कि मध्य प्रदेश में गेहूं की नई फसल आनी शुरू हो गई है। पटनायक ने कहा कि अन्य उत्पादक राज्यों से गेहूं की नई फसल बाजार में आनी अभी बाकी है। कीमतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक चल रही हैं। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) भारी मात्रा में खरीदारी करने जा रही है ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित हो सके।
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