नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में सेंट्रल और इंटीग्रेटेड जीएसटी एवं कम्पनसेशन सेस के जरिये कुल 11.16 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्यक्ष कर संग्रह हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। यह जानकारी शुक्रवार को संसद में दी गई।
वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान शुद्धरूप से कुल अप्रत्यक्ष कर संग्रह (सीजीएसटी, आईजीएसटी और जीएसटी-कम्पनसेशन सेस सहित) 6,12,653.47 करोड़ रुपए का रहा है। सरकार के पास तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब केवल 4 माह का समय शेष बचा है।
शुक्ला ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अप्रत्यक्ष कर राजस्व (सीजीएसटी, आईजीएसटी और जीएसटी-कम्पनसेशन सेस सहित) के लिए बजट अनुमान 11.16 लाख करोड़ रुपए तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि राजस्व लक्ष्य पूर्ण वित्त वर्ष के लिए तय किया गया है और वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वास्तविक अप्रत्यक्ष कर संग्रह का पता वित्त वर्ष के अंत में ही चलेगा। मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने कई प्रशासनिक कदम उठाए हैं।
इन कदमों में टैक्स अनुपालन को बेहतर करने के लिए जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाना, अनिवार्य ई-फाइलिंग और करों का ई-भुगतान, देरी से भुगतान पर जुर्माना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अनुपालन सत्यापन के लिए तीसरे पक्ष जैसे राज्य वैट डिपार्टमेंट, इनकम टैक्स आदि का बहुत अधिक उपयोग किया जा रहा है।
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