नई दिल्ली। नकदी-संकट से जूझ रहे प्राइवेट क्षेत्र के येस बैंक को डूबने से बचाने के लिए सरकार ने कदम आगे बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने येस बैंक को डूबने से बचाने के लिए देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम बनाकर मदद करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई संकटग्रस्त बैंक का अधिग्रहण करने के लिए बोली लगाने से पहले कंसोर्टियम के अन्य सदस्यों की पहचान करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा।
इस खबर के बाद येस बैंक के शेयरों में 25.77 प्रतिशत से अधिक की तेजी आ गई। वहीं एसबीआई का शेयर गिरावट के साथ कारोबार करते हुए देखा गया। इससे पहले, जनवरी में एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि येस बैंक को बचाने के लिए कुछ न कुछ रास्ता जरूर खोज लिया जाएगा।
पूर्व में आई खबरों में कहा गया था कि हिंदूजा समूह एक प्राइवेट इक्विटी फर्म सेरबेरस कैपिटल मैनेजमेंट एलपी के साथ मिलकर येस बैंक में हिस्सेदारी खरीदना चाहता है। हालांकि येस बैंक और हिंदूजा समूह दोनों ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
निजी क्षेत्र के चौथे सबसे बड़े बैंक येस बैंक ने पहले कहा था कि वह तीसरी तिमाही के वित्तीय आंकड़ों को देरी से जारी करेगा क्योंकि वह चार निवेशकों से प्राप्त अभिरुचि पत्र का आकलन कर रहा है। बीएसई को दी गई जानकारी में येस बैंक ने कहा था कि उसे जेसी फ्लोअर्स एंड कंपनी, टिलडेन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट, ओएचए एलएलपी और सिल्वर प्वाइंट कैपिटल सहित कई निवेशकों से गैर-बाध्यकारी अभिरुचि पत्र हासिल हुए हैं।
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