नई दिल्ली। भारत सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को बचाने के लिए चीन से एल्यूमीनियम फॉयल के आयात पर 1.63 डॉलर प्रति किलो तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है।
इसके अलावा, चीन, ईरान और कतर से आयातित डिटर्जेंट उद्योग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल के आयात पर 300.22 डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया जा सकता है।
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इन कंपनियों ने की डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की मांग
- हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, मुंबई, रविराज फॉयल्स, अहमदाबाद तथा जिंदल इंडिया, कोलकाता ने संयुक्त रूप से आवेदन देकर एल्यूमीनियम फॉयल पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की मांग की थी।
- वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाला डंपिंग एवं संबद्ध शुल्क (DGAD) महानिदेशालय ने जांच में पाया कि जो फॉयल चीन से भारत में आ रहे हैं, वह सामान्य मूल्य से कम के हैं और इस प्रकार माल की डंपिंग की जा रही है।
- DGAD ने एक अधिसूचना में कहा कि सस्ते आयात से घरेलू उद्योग को जो नुकसान हो रहा है, उसको देखते हुए प्राधिकरण का विचार है कि शुल्क लगाना अनिवार्य है।
- महानिदेशालय ने आयात पर 0.69 डॉलर से 1.63 डॉलर प्रति किलो तक की दर से डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
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- डिटर्जेंट उद्योग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल (लिनियर एलकाइल बेंजीन) की डंपिंग के बारे में तमिलनाडु पेट्रोप्रोडक्ट्स तथा निरमा लि. ने संयुक्त रूप से आवेदन देकर शिकायत की थी।
- DGAD ने अपनी जांच में चीन, कतर और ईरान से रसायन की डंपिंग की बात स्वीकार की है और 23.79 डॉलर प्रति टन से 300.22 डॉलर प्रति टन तक शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
- DGAD शुल्क की सिफारिश करता है जबकि वित्त मंत्रालय इसे लागू करता है।
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