नई दिल्ली। घरेलू विनिर्माताओं की हितों की रक्षा के लिए सरकार चीन से आयातित कुछ सस्ते न्यूमैटिक रेडियल टायरों पर 452.33 डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डंपिंग रोधी एवं संबद्ध शुल्क महानिदेशालय (डीजीएडी) ने अपने अंतिम निष्कर्ष में कहा है कि घरेलू कंपनियों को चीन से आयात कि जा रहे टायरों की डंपिंग की वजह से नुकसान हो रहा है। इस बारे में घरेलू टायर विनिर्माता कंपनियों अपोलो टायर्स, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज और सिएट लि.की ओर से वाहन टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) ने चीन से नए न्यूमैटिक रेडियल टायरों के आयात पर डंपिंग रोधी जांच शुरू करने और डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का आवेदन किया था।
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चीन से आयातित टायरों पर 277.53 डॉलर से 452.33 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। डीजीएडी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है जबकि वित्त मंत्रालय इस शुल्क को लगाता है। जुलाई 2014 से जून, 2015 के दौरान इन टायरों का आयात बढ़कर 52,092 टन हो गया। 2012-13 में यह 4,146 टन रहा था।
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