नई दिल्ली। सरकार अगले सप्ताह बजट में ई-वाणिज्य आयात और निर्यात के लिये थोक मंजूरी की सुविधा प्रदान करने जैसे उपायों की घोषणा कर सकती है। सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि तेजी से बढ़ रहे ई-वाणिज्य क्षेत्र की वृद्धि को और गति प्रदान करने के लिये ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में ई-वाणिज्य क्षेत्र में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके कारण ई-वाणिज्य प्लेटफॉर्म के जरिए काफी संख्या में उत्पाद देश से बाहर जा रहे हैं और यहां आ रहे हैं। अत: इस क्षेत्र में नियंत्रण व सुविधाओं के क्रियान्वयन में संतुलन बनाने की जरूरत है। अभी आयातकों और निर्यातकों को भारतीय सीमा शुल्क विभाग के साथ प्रत्येक पैकेज के लिये अलग-अलग निकासी दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। इससे ई-वाणिज्य के जरिये कारोबार करने पर व्यापारियों की लागत बढ़ती है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत में ई-वाणिज्य क्षेत्र की वृद्धि का समर्थन करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र से संबंधित आयात व निर्यात के लिये थोक मंजूरी की सुविधा की आवश्यकता है।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2021-22 का आम बजट पेश करने वाली हैं।
इसके साथ ही सरकार आगामी आम बजट में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए खिलौना क्षेत्र के लिए एक नीति की घोषणा कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि इस नीति से देश में उद्योग के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और स्टार्टअप को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय पहले ही खिलौनों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रहा है। मंत्रालय ने क्षेत्र के लिए गुणवत्ता नियंत्रक आदेश जारी किया है और साथ ही पिछले साल खिलौनों पर आयात शुल्क बढ़ाया है। वहीं साथ ही कोरोना संकट को देखते हुए फार्मा सेक्टर को भी उम्मीद है कि आगामी बजट में विशेष रूप से शोध एवं विकास तथा इनोवेशन के लिए समर्थन दिया जाएगा।
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