सरकार ने गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं को नकदी देने की योजना को मंजूरी दी: आरबीआई
मिली धनराशि का इस्तेमाल मौजूदा देनदारियों को खत्म करने के लिए किया जाएगा
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि सरकार ने एक योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत योग्य गैर-बैंकिंग कर्जदाताओं को एसबीआई कैप द्वारा स्थापित एक स्पेशल पर्पज व्हीकल के जरिए छोटी अवधि के लिए नकदी दी जाएगी। एसबीआई कैप भारतीय स्टेट बैंक की सहायक कंपनी हैं। विशेष नकदी योजना के तहत एसपीवी योग्य गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) या आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) से छोटी अवधि के रिण-पत्र खरीदेगा।
इस योजना के तहत मिली धनराशि का इस्तेमाल मौजूदा देनदारियों को खत्म करने के लिए किया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय क्षेत्र में किसी भी संभावित प्रणालीगत जोखिम से बचने के लिए एक एसपीवी के जरिए एनबीएफसी या एचएफसी की नकदी स्थिति में सुधार के लिए इस योजना को मंजूरी दी है। आरबीआई ने कहा कि इसके लिए वाणिज्यिक पत्र (सीपी) और गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्रों (एनसीडी) का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनकी परिपक्वता अवधि तीन महीने से अधिक नहीं होगी। हालांकि, यह सुविधा 30 सितंबर 2020 के बाद जारी किए गए किसी भी पत्र के लिए उपलब्ध नहीं होगी और एसपीवी 30 सितंबर 2020 के बाद नई खरीद नहीं करेगा और 31 दिसंबर 2020 तक पूरा बकाया वसूल करेगा।
राष्ट्रीय आवासीय बैंक कानून के तहत पंजीकृत आवास वित्त कंपनियां और एनबीएफसी इस विशेष नकदी योजना का लाभ ले सकती हैं। बयान में कहा गया कि योजना का लाभ लेने के लिए 31 मार्च 2019 तक उनकी कुल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) छह प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए और पिछले दो वित्त वर्षों (2017-18 और 2018-19) में कम से कम एक में उन्हें मुनाफा होना चाहिए।