ग्रामीण क्षेत्रों में भी मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट, भारतनेट के दूसरे चरण की शुरुआत में जियो ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा
देश की सभी ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के लिए भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई जिसमें जियो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
नई दिल्ली। देश की सभी ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के लिए सोमवार को भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। दूसरे चरण के तहत 2019 तक देश की सभी पंचायतों को हाईस्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा। सोमवार को इस परियोजना में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया समेत अन्य टेलिकॉम कंपनियों ने हिस्सा लिया।
भारतनेट में शामिल होने के लिए रिलायंस जियो ने 30,000 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड सर्विस देने के लिए सबसे अधिक 13.9 करोड़ रुपए का चेक दिया। रिलायंस जियो ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए सरकार से बैंडविद्थ खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ यह चेक दिया क्योंकि कंपनी अपनी परियोजना का विस्तार करना चाहती है।
भारतनेट के दूसरे चरण के तहत सरकार डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाएगी। इस परियोजना में शामिल होने के लिए भारती एयरटेल ने 30,500 ग्राम पंचायतों को कवर करने हेतु बैडविद्थ के लिए 5 करोड़ रुपए दिए। वहीं वोडाफोन ने 11 लाख रुपए और आइडिया सेल्युलर ने 5 लाख रुपए दिए।
टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, मानव संसाधन विका मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ मिलकर भारतनेट के महात्वाकांक्षी दूसरे चरण की घोषणा की। सिन्हा ने कहा कि सरकार ने भारतनेट परियोजना के लिए बैंडविद्थ की कीमत 75 फीसदी घटा दी है जिससे टेलिकॉम ऑपरेटर्स को सस्ती दरों पर सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
टेलिकॉम मंत्रालय दूसरे चरण के लिए सात राज्यों- महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और झारखंड के साथ समझौता करेगी। ये राज्य अपने खर्च पर परियोजना की शुरुआत करेंगे। इसमें केंद्र सरकार से इन्हें आंशिक मदद मिलेगी
रविवार को दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि भारतनेट के दूसरे चरण पर करीब 34,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस परियोजना का लक्ष्य मार्च 2019 तक सभी पंचायतों को हाई स्पीड इंटरनेट मुहैया कराना है। इस योजना के तहत 1.5 लाख पंचायतों को 10 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर के जरिए जोड़ा जाएगा।
डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने भारतनेट परियोजना लेकर आई है। इसके तहत केंद्र सरकार हर गांव तक हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा पहुंचाना चाहती है। इसके पीछे मकसद यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ई-गवर्नेंस, ई-हेल्थ, ई-एजुकेशन, ई-बैंकिंग और इंटरनेट की अन्य सुविधाओं समेत कई चीजें मुहैया की जाएंगी।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि भारतनेट परियोजना के तहत 1,55,000 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इस योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
उन्होंने इस दौरान बताया था कि वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक ऑप्टिकल फाइबर से हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी 1,50,000 ग्राम पंचायतों में उपलब्ध होगी, जिसके साथ वाईफाई हॉट स्पॉट भी होगा। इसके तहत दी जानेवाली डिजिटल सेवाओं की दरें कम रखी जाएंगी।
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