नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत शुक्रवार को तीन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में अपनी नियंत्रक हिस्सेदारी बेचने के लिए सलाहकार नियुक्त करने के लिए बोलियां आमंत्रित करने के साथ कर दी है। सरकार कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर), नीपको और टीएचडीसी इंडिया का विनिवेश करने जा रही है।
इस माह की शुरुआत में, केंद्रीय कैबिनेट ने कॉनकोर में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री को अपनी मंजूरी प्रदान की थी। वर्तमान में कंपनी में सरकार की 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी है और हिस्सेदारी बिक्री के साथ सरकार का प्रबंधन पर से नियंत्रण भी खत्म हो जाएगा।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने पावर कंपनियों टीएचडीसी इंडिया और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नीपको) में सरकार की हिस्सेदारी को एनटीपीसी को बेचने के प्रस्ताव को भी अपनी स्वीकृति दे दी है। रणनीतिक विनिवेश में खरीदार को प्रबंधन पर भी नियंत्रण हासिल हो जाता है।
टीएचडीसी केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 75-25 अनुपात का संयुक्त उद्यम है। केंद्र सरकार की नीपको में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कॉनकोर का नाम लिए बिना एक अलग नोटिस में कहा गया है कि सरकार रेल मंत्रालय के तहत एक सरकारी कंपनी में अपनी कुल चुकता इक्विटी हिस्सेदारी के आंशिक विनिवेश पर विचार कर रही है। इसके साथ प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित किया जाएगा।
इन विनिवेश के लिए जरूरी अनुभव रखने वाली प्रतिष्ठित इकाइयों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। ये इकाइयां विनिवेश प्रक्रिया में लेनदेन-कानूनी सलाहकार-संपत्ति मूल्यांकक की भूमिका निभाएंगी और सरकार को इसमें मदद करेंगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। आंकड़ों के अनुसार अभी तक सरकार विनिवेश से 12,357.49 करोड़ रुपये जुटा पाई है।
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