GST के बाद सरकार कीमतों में बदलाव पर रख रही है कड़ी नजर, सप्लाई में नहीं है कोई बाधा
GST लागू होने के बाद कीमतों में किसी भी असामान्य तेजी पर शुरुआत में ही अंकुश लगाने के लिए सरकार आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में बदलाव पर कड़ी नजर रख रही है।
नई दिल्ली। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की चेयरपर्सन वनजा सरना ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद कीमतों में किसी भी असामान्य तेजी पर शुरुआत में ही अंकुश लगाने के लिए सरकार आटे से लेकर चाय तक दो दर्जन से अधिक आवश्यक वस्तुओं के रोजाना मूल्यों में बदलाव पर कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को GST लागू होने के बाद दाम कमोबेश नियंत्रण में हैं और आपूर्ति में बाधा की कोई भी बड़ी घटना सामने नहीं आई है।
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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से सबसे बड़े कर सुधार का क्रियान्वयन अपेक्षाकृत सुचारू रहा है। कई स्तरों पर निगरानी हो रही है तथा कर विभाग के अधिकारी लगातार इस कोशिश में लगे हैं कि क्रियान्वयन में कोई बड़ी बाधा नहीं आए। GST में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट समेत 17 विभिन्न प्रकार के कर समाहित हो गए हैं। ऐसी आशंका थी कि शुरुआत में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
वनजा ने कहा कि,
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय हमें आम उपभोग की वस्तुओं के रोजाना भाव एवं उनकी कीमतों में बदलाव संबंधी सूचनाएं दे रहा है। उसमें ऐसा कुछ अप्रिय नहीं है जो हुआ हो। पिछले 30 दिनों से हमें रोजाना रिपोर्ट मिलती है।
उन्होंने कहा कि 25-30 आम उपभोग और हर परिवार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं मसलन आटा, चावल, दालें, चीनी और चाय की उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा निगरानी की जा रही है और मंत्रालय राजस्व विभाग एवं कैबिनेट सचिव कार्यालय को रोजाना रिपोर्ट भेज रहा है। GST लागू होने के बाद कैबिनेट सचिव ने रोजाना आधार पर दाम और आपूर्ति की स्थिति की निगरानी के लिए 200 से अधिक वरिष्ठ नौकरशाहों की टीमें बनाई थी। उनके जिम्मे यह भी था कि जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा न आए।
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जब वनजा से पूछा गया कि क्या आपूर्ति में बाधा की कोई खबर आई है तो उन्होंने कहा कि एक या दो दिन के लिए कुछ वस्तुओं की कमी जैसी स्थिति रही। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था जो चिंताजनक हो। उनमें ज्यादातर विषय अधिकतम खुदरा मूल्य में बदलाव से संबंधित था। संभवत: एक या दो दिन के लिए वस्तुएं उपलब्ध नहीं थीं क्योंकि उन्हें संशोधित दाम देना था। कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पिछले महीने ही कंपनियों से GST के बाद दाम में बदलाव को दिखाने के लिए GST के पहले के दाम और बाद के संशोधित दाम लिखने का कहा था। अधिकतम खुदरा मूल्य ऐसा मूल्य है जो सभी करों को शामिल करने के बाद ग्राहकों से लिया जा सकता हैं। कुछ वस्तुओं के संदर्भ में कर की दर GST के बाद बदल गई और ऐसे में MRP बदल गया।