नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि वह टेलिकॉम घोटाले में फंसी कंपनियों पर किसी भी हालत में नरमी बरतने के मूड में नहीं है। नए दूरसंचार मंत्री जयंत सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि कथित दूरसंचार घोटाला संप्रग शासन का पाप है जिसे मौजूदा शासन को साफ करना है और वह एक-एक पाई की वसूली के लिये हर संभव कदम उठाएगी। सिन्हा ने कहा, वर्ष 2006 से 2010 के दौरान जो सरकार चला रहा था, घोटाला उनकी सरकार का है। यह उनका पाप है। हम इसे साफ करने का काम करेंगे। हम एक-एक पाई की वसूली के लिये हर संभव प्रयास करेंगे।
कांग्रेस ने कल 45,000 करोड़ रपये का दूरसंचार घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार उन छह प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के हितों की रक्षा के लिये गोपनीय तरीके से कदम उठा रही है जिन पर सरकारी खजाने के धन बकाया हैं। पूर्व में दूरसंचार विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे रवि शंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोप को प्रेरित और हताशापूर्ण बताया और आश्वस्त किया कि सरकार बिना किसी को संरक्षण दिये दूरसंचार कंपनियों से जुर्माने के साथ पूरी राशि वसूलेगी।
प्रसाद ने इस सप्ताह नये कानून मंत्री का पदभार संभाला। प्रसाद ने कहा, मैं कांग्रेस पार्टी के आरोपों की निंदा करता हूं, यह निंदनीय, प्रेरित, दुभार्वनापूर्ण, हताशापूर्ण और आधारहीन है। मैं बहुत साफ करना चाहता हूं कि हमारी सरकार किसी को संरक्षण नहीं देगी, जो भी बकाया है, उसकी वसूली की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसी के संरक्षण का काम नहीं कर रही। कांग्रेस कभी अपना होमवर्क नहीं करती।
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