नई दिल्ली दिल्ली: सरकार ने सोमवार को सीरिंज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि उसने सीरिंज निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल किया है, जिसके तहत अब किसी निर्यातक को निर्यात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति लेनी होगी। अधिसूचना में कहा गया, ‘‘सुई के साथ या सई के बिना, सीरिंज के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल कर दिया गया है।’’ सीरिंज का निर्यात 2020-21 में 4.56 करोड़ अमेरिकी डॉलर का था। इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान यह आंकड़ा 1.73 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
जायडस कैडिला ने 1900 रुपये में कोविड वैक्सीन की तीन खुराकों की पेशकश की, सरकार कर रही है मोलतोल
केंद्र सरकार और जायडस कैडिला के बीच कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी की कीमत को लेकर बातचीत चल रही है, जिसे 12 साल से ऊपर के लोगों को दिया जा सकता है। दवा कंपनी ने जायकोव-डी की तीन खुराकें 19,00 रुपये में देने की पेशकश की है। हालांकि, सरकार कीमतों को कम करने के लिए मोलतोल कर रही है और इस पर अंतिम फैसला इसी सप्ताह किए जाने की संभावना है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जायडस कैडिला द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित दुनिया की पहली डीएनए-आधारित सुई-रहित कोविड-19 वैक्सीन का इस्तेमाल जल्द ही शुरू किया जाएगा।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘कंपनी ने अपनी तीन खुराकों के लिए करों सहित 1,900 रुपये की कीमत का प्रस्ताव किया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘बातचीत जारी है। कंपनी को टीके की लागत के बारे में सभी पहलुओं पर फिर से विचार करने के लिए कहा गया है। वैक्सीन की कीमत पर अंतिम फैसला इसी सप्ताह किए जाने की संभावना है।’’
एक अन्य सूत्र ने कहा कि जायकोव-डी की कीमत कोवैक्सीन और कोविशील्ड की तुलना में अलग होनी चाहिए, क्योंकि तीन खुराक वाली वैक्सीन होने के अलावा इसके लिए एक सुई रहित जेट इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत 30,000 रुपये है। एक जेट इंजेक्टर का उपयोग लगभग 20,000 खुराक देने के लिए किया जा सकता है। इस वैक्सीन की दूसरी और तीसरी खुराक, पहली खुराक के 28 और 56 दिन बाद दी जानी है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र और कंपनी के बीच अब तक करीब तीन दौर की बैठक हो चुकी है और आखिरी गुरुवार को हुई।
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