नई दिल्ली। भारत ने चीन से आयात कर देश के भीतर आने वाले इस्पात की चुनिंदा किस्मों पर पांच साल के लिए 185.51 डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है। चीन से होने वाले सस्ते आयात से घरेलू कंपनियों को बचाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के सुझावों के आधार पर राजस्व विभाग ने डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की घोषणा की है।
जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड, सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी, ऊषा मार्टिन, गेरदाऊ स्टील इंडिया, वर्धमान स्पेशल स्टील्स और जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कुछ चुनिंदा इस्पात उत्पादों की जांच करने और उन पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने के लिए संयुक्त रूप से आवेदन किया था।
डीजीटीआर ने अपनी डंपिंग रोधी जांच में कहा कि जांच की अवधि 2016-17 के दौरान चीन से मिश्रधातु इस्पात की सीधी लंबी सरिया और छड़ों का डंपिंग आयात बढ़ा है। डीजीटीआर ने डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि चीन से भारत को निर्यात होने वाले उत्पाद का मूल्य सामान्य से कम है और इसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा।
अधिसूचना में कहा गया है कि चीन से आयात पर 44.89 डॉलर प्रति टन से 185.51 डॉलर प्रति टन के बीच शुल्क लगाया गया है। यह शुल्क पांच वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगा।
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