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Hindi News पैसा बिज़नेस बुंदेलखंड में सूखे को खत्‍म करने के लिए कई परियोजनाएं प्रस्‍तावित, पीएम ने किया झांसी में कृषि विवि का लोकार्पण

बुंदेलखंड में सूखे को खत्‍म करने के लिए कई परियोजनाएं प्रस्‍तावित, पीएम ने किया झांसी में कृषि विवि का लोकार्पण

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ड्रोन सहित आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये टिड्डियों के हमले को नियंत्रित किया है।

 Govt implementing several projects to ensure availability of water in drought-prone Bundelkhand reg- India TV Paisa Image Source : PTI  Govt implementing several projects to ensure availability of water in drought-prone Bundelkhand region, says Modi

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिह तोमर भी मौजूद थे।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ड्रोन सहित आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये टिड्डियों के हमले को नियंत्रित किया है। उन्‍होंने कहा कि सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई परियोजनाओं को लागू कर रही है।

 पीएम मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं, बुंदेलखंड में, भूजल के स्तर को ऊपर उठाने के लिए अटल भूजल योजना पर भी काम चल रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे हो या फिर डिफेंस कॉरीडोर, हज़ारों करोड़ रुपए के ये प्रोजेक्ट यहां रोजगार के हजारों अवसर बनाने का काम करेंगे। वो दिन दूर नहीं जब वीरों की ये भूमि, झांसी और इसके आसपास का ये क्षेत्र देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा सेंटर बनेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि एक तरह से बुंलेदखंड में जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इससे पहले मोदी ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था कि वह शनिवार को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और कृषि के साथ-साथ किसान कल्याण में अत्याधुनिक शोध में सहयोग होगा। विश्वविद्यालय ने 2014-15 में अपना पहला शैक्षणिक सत्र शुरू किया और कृषि, बागवानी और वानिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चला रहा है।

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