नई दिल्ली। सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण के लिए बोली लगाने की अंतिम तारीख दो महीने और बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। यह तीसरा मौका है, जब सरकार ने बीपीसीएल के लिए बोली लगाने की तारीख को आगे बढ़ाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में सरकार को बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दी थी।
हालांकि, बीपीसीएल के लिए रुचि पत्र (ईओआई) या बोलियां सात मार्च को ही मांगी गईं। पहले ईओआई जमा कराने की तारीख दो मई थी, लेकिन 31 मार्च को इसे बढ़ाकर 13 जून किया गया। 26 मई को इसे बढ़ाकर 31 जुलाई किया गया। अब इसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है।
निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एक नोटिस में कहा कि बोली लगाने की इच्छुक इकाइयों के आग्रह के बाद ईओआई जमा कराने की तारीख को बढ़ाकर 30 सितंबर, 2020 किया जा रहा है। सरकार ने बीपीसीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव किया है। सरकार के पास कंपनी के 114.91 करोड़ शेयर हैं, जो कंपनी की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है।
इसके अलावा रणनीतिक खरीदार को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण भी स्थानांतरित किया जाएगा। हालांकि इसमें कंपनी की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल नहीं है। नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एव गैस कंपनी को की जाएगी।
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