वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि दर रह सकती है 7.5%, सरकार ने जताई उम्मीद
नोटबंदी वाले वित्त वर्ष 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी।
नई दिल्ली। देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 में 7.2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने ऐसी उम्मीद जताई है। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
नोटबंदी वाले वित्त वर्ष 2016-17 में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही थी। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि वर्तमान मूल्य पर वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी वृद्धि के 11.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हमारा मानना है कि वास्तविक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत होगी। यह तर्कसंगत है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में कहा था कि भारत मजबूती के साथ तेजी के रास्ते पर लौट रहा है और वृद्धि तथा समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। गर्ग ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक चमकते आकर्षक स्थान के रूप में मान्यता मिली है। इस दौरान देश ने वृहद-आर्थिक स्थिरता का सर्वश्रेष्ठ दौर देखा।
गर्ग ने 2019-20 के बजट के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि इसमें देश की बड़ी आबादी तक पहुंचने का प्रयास किया गया है। गर्ग ने कहा कि सरकार का मानना है कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए सहायता देने के बजाये दीर्घकालिक परिंसपत्ति निर्माण में निवेश करना चाहिए।
बजट में राजकोषीय मोर्चे पर मजबूती बनाए रखने पर ध्यान दिया गया है। इसमें किसी तरह की बेवजह फैलाव की नीति नहीं पेश की गई वरना इससे मुद्रास्फीति बढ़ने और निजी निवेश कम होने की आशंका बढ़ती।