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Hindi News पैसा बिज़नेस ईरान से कच्चे तेल की खरीद पर रुपए में भुगतान पर नहीं देना होगा टैक्‍स, सरकार ने दी ये छूट

ईरान से कच्चे तेल की खरीद पर रुपए में भुगतान पर नहीं देना होगा टैक्‍स, सरकार ने दी ये छूट

ईरान की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी एनआईओसी को कच्चे तेल के बदले में रुपए में किए जाने वाले भुगतान को कर मुक्त कर दिया गया है।

iran oil- India TV Paisa Image Source : IRAN OIL iran oil

नई दिल्ली। ईरान की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी एनआईओसी को कच्चे तेल के बदले में रुपए में किए जाने वाले भुगतान को कर मुक्त कर दिया गया है। एक सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि नेशनल ईरानियन ऑयल कंपनी (एनआईओसी) को भारतीय रिफाइनरी कंपनियों से रुपए में प्राप्त भुगतान पर किसी तरह का विदहोल्डिंग कर नहीं देना होगा। 

भारत ने दो नवंबर 2018 को ईरान के साथ कच्चे तेल की खरीद का रुपए में भुगतान करने के लिए  समझौता किया था। नियम के मुताबिक यदि किसी विदेशी कंपनी को भारतीय बैंक के उसके खाते में कोई आय प्राप्त होती है तो उस पर 40 प्रतिशत का विदहोल्डिंग कर लगता है। उपकर लगाकर यह दर 42.5 प्रतिशत हो जाती है। इसमें कहा गया है कि यह व्यवस्था 5 नवंबर 2018 से प्रभावी मानी जाएगी।

 इससे करीब भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को एनआईओसी का करीब दो अरब डॉलर का भुगतान निपटाने में मदद मिलेगी। भारतीय कंपनियों को यह भुगतान अक्टूबर और नवंबर में खरीदे गए कच्चे तेल के लिए करना है। भारत और ईरान के बीच कच्चे तेल की खरीद का भुगतान रुपए में करने का समझौता तब हुआ, जब अमेरिका ने भारत सहित दुनिया के आठ देशों को ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की अनुमति दे दी। अमेरिका ने ईरान के साथ किसी भी प्रकार का व्यापार करने पर 5 नवंबर 2018 से प्रतिबंध लगा दिए हैं। 

बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां ईरान की कंपनी को कच्चे तेल के लिए उसके यूको बैंक खाते में भुगतान करेंगी। ईरान इस राशि का इस्तेमाल भारत से खाद्यान्न, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कर सकता है। इसके अलावा भारत में ईरान के मिशन के खर्चों, भारतीय परियोजनाओं में प्रत्यक्ष निवेश और भारत में रह रहे ईरानी छात्रों की जरूरतों में कर सकता है। 

भारत सरकार की ऋण प्रतिभूतियों में निवेश के लिए भी रुपए का इस्‍तेमाल हो सकेगा। भारत को ईरान से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने की अनुमति इस आधार पर मिली है कि वह ईरान से आयात में कमी लाएगा। भारत प्रतिदिन अधिक से अधिक तीन लाख बैरल तेल का आयात ईरान से कर सकेगा, जबकि पहले औसत दैनिक आयात 5.60 लाख बैरल होता रहा है। 

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