नयी दिल्ली। सरकार ने कोविड-19 परीक्षणों को बढ़ाने के लिए संक्रमण की पहचान करने के काम आने वाले इंफ्लेमेटरी डायग्नोस्टिक किट के आयात पर 31 अक्टूबर तक सीमा शुल्क माफ कर दिया। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने ट्वीट किया, ‘‘परीक्षणों को बढ़ावा देने के लिए इंफ्लेमेटरी डायग्नोस्टिक (मार्कर) किट, नेमली-आईएल6, डी-डाइमर, सीआरपी, एलडीएच, फेरीटिन, प्रो कैल्सिटोनिन (पीसीटी) और ब्लड गैस रीजन्ट्स के आयात पर सीमा शुल्क को 31 अक्टूबर 2021 तक माफ कर दिया गया है।’’
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भारत में शुक्रवार को कोविड-19 संक्रमण के 3,86,452 नए मामले सामने आए और 3,498 लोगों की मौत हुई। इन चीजों पर 10 प्रतिशत की दर से सीमा शुल्क और उस पर पांच प्रतिशत स्वास्थ्य उपकर लगता है। सरकार इलाज के काम आने वाली आक्सीजन और उससे संबंधित यंत्र-उपकरणों पर सीमा शुल्क पहले ही हटा चुकी है। कोविड मरीजों के लिए गैस की भारी किल्लत को देखते हुए आक्सीजन का आयात शुल्क मुक्त करने का निर्णय पिछले सप्ताह किया गया था।
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Remdesivir की 4.5 लाख खुराक का होगा आयात
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कहर के बीच सरकार ने वायरस रोधी दवा रेमडेसिविर (Remdesivir) की 4.5 लाख खुराक मंगाने के लिए ऑर्डर दिया है जिसमें से 75,000 शीशियों की पहली खेप शुक्रवार को भारत पहुंच जाने की उम्मीद है। उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा है कि देश में इस दवा की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने रेमडेसिविर का आयात करना शुरू किया है। इसकी 75,000 शीशियों की पहली खेप शुक्रवार को भारत पहुंच जाएगी। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के साथ रेमडेसिविर की मांग कई गुना बढ़ गई है। वायरस रोधी इस दवा का इस्तेमाल कोविड-19 संक्रमण के इलाज में किया जाता है
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