नई दिल्ली। देश के किसानों और कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) के जरिये किए गए एक करोड़ रुपए से ज्यादा के भुगतान पर दो प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) न लेने का फैसला लिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और नकदीरहित अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगाने का प्रावधान किया था।
यह नया प्रावधान एक अक्टूबर से देशभर में लागू होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर बताया कि एपीएमसी की चिंता को दूर करते हुए उसके जरिये किए गए एक करोड़ रुपए से अधिक के भुगतान पर दो प्रतिशत का टीडीएस नहीं लगेगा। इससे किसानों को उनकी उपज का भुगतान तत्काल करने में मदद मिलेगी।
इस बीच मंत्री ने एक अन्य ट्वीट कर बताया कि 23 अगस्त, 2019 से 31 मार्च, 2020 के दौरान खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति होगी। सीतारमण ने कहा कि इस कदम से वाहन क्षेत्र की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, बसों, लॉरियों और टैक्सियों के मामले में मूल्यह्रास की दर को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत किया गया है।
मूल्यह्रास से कंपनियों को अपनी कर देनदारी कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ विजय सरदाना का मानना है कि एपीएमसी को दी गई छूट से किसानों को ही नहीं बल्कि व्यापारियों को भी फायदा होगा।
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