BPO व ITES कंपनियों के लिए सरकार ने नियमों को बनाया उदार, वर्क फ्रॉम होम में मिलेगी मदद
यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उद्योग वर्क फ्रॉम होम मामले में राहत दिए जाने की मांग कर रहा है और इसे स्थायी आधार पर जारी रखना चाहता है।
नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) तथा आईटी आधारित सेवाएं (आईटीईएस) प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए दिशा-निर्देशों को सरल करने की घोषणा की। इससे उद्योग का अनुपालन बोझ कम होगा और वर्क फ्रॉम होम तथा वर्क फ्रॉम एनिवेयर में मदद मिलेगी। नए नियमों से अन्य सेवाप्रदाताओं के लिए घर से काम और कहीं से भी काम के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। इस तरह की कंपनियों के लिए समय-समय पर रिपोर्टिंग और अन्य प्रतिबद्धताओं को समाप्त कर दिया गया है। यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि उद्योग वर्क फ्रॉम होम मामले में राहत दिए जाने की मांग कर रहा है और इसे स्थायी आधार पर जारी रखना चाहता है।
ओएसपी ऐसी कंपनियां हैं जो दूरसंचार संसाधनों का इस्तेमाल कर एप्लिकेशन सेवाएं, आईटी से जुड़ी सेवाएं या किसी प्रकार की आउटसोर्सिंग सेवाएं देती हैं। इस तरह कंपनियों को बीपीओ, नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ), आईटीईएस और कॉल सेंटर कहा जाता है। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार इससे वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा को प्रोत्साहन मिलेगा। वर्क फ्रॉम होम का विस्तार कर वर्क फ्रॉम एनिवेयर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि विस्तारित एजेंट/रिमोट एजेंट की स्थिति (वर्क फ्रॉम होम/एनिवेयर) की कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी गई है।
इसमें कहा गया है कि घर पर एजेंट को ओएसपी केंद्र का रिमोट एजेंट माना जाएगा और इंटरनेटकनेक्शन की अनुमति होगी। रिमोट एजेंट को देश में किसी भी स्थान से काम करने की अनुमति होगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नए नियमों का मकसद उद्योग को प्रोत्साहन देना और भारत को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी आईटी स्थान के रूप में पेश करना है। नए नियमनों से कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनिवेयर से संबंधित नीतियां अपनाने में मदद मिलेगी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जबकि कोविड-19 महामारी की वजह से आईटी/बीपीओ कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर से काम ले रही हैं।
नए नियमों के तहत ओएसपी के लिए पंजीकरण की जरूरत को समाप्त कर दिया गया है। वहीं डेटा से संबंधित कार्य से जुड़े बीपीओ उद्योग को इन नियमनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत का आईटी क्षेत्र हमारा गौरव है। इस क्षेत्र की ताकत को पूरी दुनिया मानती हैं। हम भारत में वृद्धि और नवप्रवर्तन के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हैं। आज के इस फैसले से विशेष रूप से देश की युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।