नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आगामी त्योहारों के दौरान आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से गेहूं और आलू पर आयात शुल्क घटाकर 10 फीसदी कर दिया, जबकि कच्चे और रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क को घटाकर क्रमश: 7.5 और 15 फीसदी कर दिया है।
गेहूं पर आयात शुल्क 25 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी, आलू पर 30 से घटाकर 10 फीसदी किया गया है। कच्चे पाम तेल पर इसे 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी, जबकि रिफाइंड पाम तेल पर 20 से घटाकर 15 फीसदी किया गया है।
एक अधिसूचना में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कहा कि,
अक्टूबर 2016 तक आलू पर आयात शुल्क को 30 फीसदी से कम कर 10 फीसदी किया गया है। गेहूं पर आयात शुल्क को 25 फीसदी से कम करके फरवरी 2017 तक के लिए 10 फीसदी किया गया है।
- सरकार ने फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 9.35 करोड़ टन गेहूं के घरेलू उत्पादन के बावजूद इसके आयात शुल्क को कम किया है।
- खाद्य मंत्रालय ने गेहूं आयात शुल्क में कटौती का प्रस्ताव किया था, क्योंकि इसकी खरीद इस वर्ष भारी गिरावट के साथ 2.29 करोड़ टन रह गई।
- आटा मिलों ने घरेलू उत्पादन में 50 लाख टन की कमी का हवाला देते हुए आयात शुल्क वापस लेने की मांग की थी।
- उत्पादन में कमी और बढ़ती खुदरा कीमतों को लेकर चिंतित सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए आलू पर आयात शुल्क कम किया है।
- फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई-जून) में आलू उत्पादन नौ फीसदी घटकर 4.37 करोड़ टन रह गया, जो पिछले वर्ष 4.8 करोड़ टन था।
- खाद्य तेल के उद्योग संगठन साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने रिफाइंड पाम तेल पर शुल्क कटौती का विरोध किया है।
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