नई दिल्ली। केन्द्र देश में नए हवाईअड्डों के नाम रखने पर एक नीति बनाने पर विचार कर रहा है जिसके तहत वे शहरों के नाम से जाने जाएंगे न कि किसी हस्तियों के नाम पर। सूत्रों ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय को विभिन्न राजनीतिक दलों से हवाईअड्डों का नाम रखने और बदलने को लेकर अनुरोध मिलते रहते हैं खासकर केन्द्र या राज्यों में सत्ता परिवर्तन के बाद ऐसा देखने को अधिक मिलता है। इसलिए इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए एक मजबूत व दीर्घकालीन नीति बनाने की जरूरत है।
सरकार जल्द लाएगी नीति
नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, सरकार नए हवाईअड्डों के नाम रखने के मुद्दे पर चर्चा कर रही है और जल्द ही इस संबंध में एक नीति आ सकती है। प्रस्तावित नीति के तहत हवाईअड्डों को उस शहर के नाम से जाना जाएगा जहां वह स्थित है। इसके लिए जो भी व्यवस्था अपनाई जाएगी, वह दीर्घकालीन होगी।
चार नए हवाई अड्डों को मिली मंजूरी
नागर विमानन मंत्रालय ने चार नए हवाई अड्डों की स्थापना को मंजूरी दी है। इनमें 1,378 करोड़ रुपए की लागत से गुजरात के धोलेरा में बनने वाला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है। इससे मौजूदा अहमदाबाद हवाई अड्डे की भीड़भाड़ को कम किया जा सकेगा। तीन अन्य हवाई अड्डे आंध्र प्रदेश में बनाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें से दो हवाई अड्डे किफायती होंगे। पर्यावरण मंत्रालय ने अहमदाबाद में धोलेरा में 1,378 करोड़ रुपए की हवाई अड्डा परियोजना को पिछले साल मंजूरी दी थी। नागर विमानन सचिव राजीन नयन चौबे ने कहा, साइट मंजूरी जो कि पहली मंजूरी होती है, विशाखापट्टनम से 40 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के भोगपुरम हवाई अड्डे के लिए सोमवार को दी गई।
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