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मेड इन इंडिया लैपटॉप, टैबलेट के लिए सरकार की बड़ी घोषणा, आईटी हार्डवेयर के लिए PLI scheme मंजूर

इस योजना से लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर समेत आईटी हार्डवेयर निर्माण से जुडी 5 प्रमुख वैश्विक कंपनियों और 10 घरेलू कंपनियों को लाभ मिलने की संभावना है।

Govt clears PLI scheme to boost manufacturing of laptops, tablets, PCs- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO Govt clears PLI scheme to boost manufacturing of laptops, tablets, PCs

नई दिल्‍ली। सरकार ने बुधवार को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर के लिए प्रोडक्‍शन-लिंक्‍ड इनसेंटिव (PLI) स्‍कीम को मंजूरी प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी है। योजना में आईटी हार्डवेयर की मूल्य श्रृंखला में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया गया है। प्रस्तावित योजना के लक्षित क्षेत्र में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर शामिल हैं।

योजना के तहत पात्र कंपनियों को 4 वर्षों की अवधि के लिए लक्षित क्षेत्र के अंतर्गत और भारत में निर्मित उत्पादों के लिए कुल वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष, 2019-20) पर 4 प्रतिशत से 2 प्रतिशत/1 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव किया गया है।

इस योजना से लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी और सर्वर समेत आईटी हार्डवेयर निर्माण से जुडी 5 प्रमुख वैश्विक कंपनियों और 10 घरेलू कंपनियों को लाभ मिलने की संभावना है। यह आत्मनिर्भर भारत के तहत विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि वर्तमान में इन वस्तुओं के लिए आयात निर्भरता बहुत अधिक है।

प्रस्तावित योजना की 4 वर्षों के लिए कुल लागत लगभग 7,350 करोड़ रुपये है, जिसमें 7,325 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन परिव्यय और 25 करोड़ रुपये का प्रशासनिक शुल्क शामिल हैं।

यह योजना देश में इलेक्ट्रॉनिक्स ईकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देगी। भारत, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकरण के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा और आईटी हार्डवेयर निर्यात के लिए एक गंतव्य स्थल बन जाएगा। इस योजना के तहत 4 वर्षों में रोजगार के 1,80,000 से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) अवसरों के सृजन की संभावना है।

यह योजना आईटी हार्डवेयर के लिए घरेलू मूल्यवर्धन को प्रोत्साहन प्रदान करेगी, जिसके 2025 तक बढ़कर 20-25 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

25 फरवरी, 2019 को अधिसूचित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, 2019 का विज़न भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के लिए एक वैश्विक हब के रूप में स्थापित करना है। इसके लिए चिपसेट सहित मुख्य घटकों को विकसित करने के लिए देश की क्षमताओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है और उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया जा रहा है।

वर्तमान में, भारत में लैपटॉप और टैबलेट की मांग मुख्यतः आयात के माध्यम से पूरी की जाती है, जो 2019-20 में क्रमशः 4.21 अरब डॉलर और 0.41 अरब डॉलर थी। विश्व स्तर पर आईटी हार्डवेयर के बाजार में 6-7 कंपनियों का वर्चस्व है, जिनकी दुनिया के बाजार में लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ये कंपनियां वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का दोहन करने में सक्षम हैं। यह जरूरी है कि ये कंपनियां भारत में अपने कार्यों का विस्तार करें और इसे आईटी हार्डवेयर के निर्माण के लिए एक प्रमुख स्थान बनाएं।

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