नई दिल्ली। सरकार ने सभी प्रमुख बंदरगाहों से ऑक्सीजन और अन्य संबंधित उपकरण लाने वाले जहाजों पर सभी शुल्क समाप्त करने का निर्देश दिया है। देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बीच यह कदम उठाया गया है। बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि उसने सभी प्रमुख बंदरगाहों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंक, ऑक्सीजन बोतल, पोर्टेबल ऑक्सीजन जेनरेटर और ऑक्सीजन कन्स्ट्रेटर लाने वाले जहाजों को बर्थ के लिए प्राथमिकता देने को कहा है।
बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की अत्यधिक जरूरत को देखते हुए कामराजार पोर्ट लि. सहित सभी बंदरगाहों से कहा गया है कि वे प्रमुख बंदरगाह न्यास द्वारा लगाए जाने वाले सभी शुल्क हटा दें। इनमें जहाज से संबंधित शुल्क और भंडारण शुल्क शामिल हैं। बंदरगाहों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे व्यक्तिगत रूप से लॉजिस्टिक्स परिचालन की निगरानी करें, जिससे इनकी आवाजाही में दिक्कत नहीं आए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘हम कोविड की दूसरी लहर की वजह से आपात स्थिति से जूझ रहे हैं। सभी प्रमुख बंदरगाह इस निर्देश को आज से लागू कर रहे हैं।’’ बयान में कहा गया है कि यदि किसी जहाज पर ऑक्सीजन से संबंधित समान के अलावा अन्य कॉर्गो भी है, तो शुल्कों की छूट प्रो-राटा आधार पर दी जाएगी। बंदरगाह मंत्रालय इस तरह के जहाजों, कॉर्गो की निगरानी करेगा और यह देखेगा कि बंदरगाह में जहाज के प्रवेश के बाद बंदरगाह के गेट तक कार्गो पहुंचाने में कितना समय लगा।
भारत में कोरोना के मामलों में तेजी के साथ ऑक्सीजन की मांग में भी अचानक तेज उछाल देखने को मिला है। सरकार इसके लिए घरेलू स्रोत के साथ साथ उपकरणों के लिए विदेश से भी संपर्क हैं। जरूरी उपकरणों को विदेश से मंगाया जा रहा है, वहीं उद्योग ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा रहा है। ऑक्सीजन के साथ साथ विदेशों से आने वाले उपकरण जल्दी जरूरत की जगहों पर पहुंचे इसके लिए सरकार ने कई ऐलान किये हैं। इसमें शुल्क में राहत से लेकर ऑक्सीजन ट्रेन चलाने जैसे कदम शामिल हैं।
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