नई दिल्ली। मंद पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कुछ और उपायों की घोषणा की है। इन नए उपायों के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कुछ राहत प्रदान की गई है।
वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने बैंकों से 31 मार्च 2020 तक किसी भी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) के दबाव वाले किसी कर्ज को अवरुद्ध कर्ज (एनपीए) घोषित न करने को कहा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने आरबीआई के परिपत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि बैंक ऐसे ऋणों का फिर से निर्धारण करेंगे।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ उनकी नकदी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की पहचान की गई है, जिन्हें बैंक कर्ज दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बैंकों को कर्ज देने के इरादे के साथ 29 सितंबर से पहले 200 जिलों में एनबीएफसी और खुदरा कर्जदारों के साथ खुली बैठक करने को कहा गया है।
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