टेक्सटाइल सेक्टर के लिये 10683 करोड़ रुपये की PLI स्कीम को मंजूरी, बढ़ेगा घरेलू उत्पादन और रोजगार
कैबिनेट ने मानव निर्मित रेशे (man-made fibre) मानव निर्मित फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 सेग्मेंट या उत्पादों के लिये प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली। टेक्सटाइल सेक्टर में घरेलू निर्माण को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज इस बारे में जानकारी दी। ये फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। मंत्रिमंडल इससे पहले देश में विनिर्माण क्षमता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 13 प्रमुख क्षेत्रों के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे चुका है।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक कैबिनेट ने मानव निर्मित रेशे (man-made fibre) मानव निर्मित फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 सेग्मेंट या उत्पादों के लिये प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। टेक्निकल टेक्सटाइल फार्मा, मेटल, ऑटो आदि सेक्टर में काम आने वाले खास फैब्रिक होते हैं। कोविड के दौरान इनकी मांग काफी बढ़ी थी, जिसके बाद सरकार ने इनके घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया है। सरकार का अनुमान है कि इस योजना से सीधे तौर पर 7.5 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा वहीं अप्रत्यक्ष रूप से इससे कहीं ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। योजना से छोटे शहरों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
योजना का मकसद भारत में संबंधित क्षेत्रों में समस्याओं को दूर कर और दक्षता सुनिश्चित कर विनिर्माण को विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाना है। इसे भारत में अनुकूल परिवेश बनाने और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है। इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित होने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। यह योजना घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रमुख इकाई बनने में भी मदद करेगी। भारत के मानव निर्मित रेशे से बने कपड़ों का निर्यात उसके कुल परिधान निर्यात का केवल 10 प्रतिशत है। यह 2019-20 में लगभग 16 अरब डालर था।
इससे पहली बीते महीने ही सरकार ने देश में विशेष प्रकार के इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने लिये 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दी थी। सरकार के मुताबिक पीएलआई योजना के तहत 6,322 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पांच साल की अवधि के दौरान दिया जाएगा और इससे 5.25 लाख रोजगार सृजित होंगे। योजना के तहत पात्र विनिर्माताओं को बढ़े हुए उत्पादन पर 4 से 12 प्रतिशत के बीच प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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