नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने बृहस्पतिवार को उत्पादन पर आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत अगले साढ़े चार वर्षों में 3,345 करोड़ रुपये के निवेश वाले 31 प्रस्तावों को मंजूरी दी। संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने कहा, ‘‘अगले 4.5 वर्षों में 3,345 करोड़ रुपये का निवेश सिर्फ एक शुरुआत है। सरकार उत्प्रेरक के रूप में उद्योग की मदद कर रही है।’’ पीएलआई योजना के लिए चुनी गई कंपनियों में नोकिया इंडिया, एचएफसीएल, डिक्सन टेक्नालॉजीज, फ्लेक्सट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन, कोरल टेलीकॉम, वीवीडीएन टेक्नालॉजीज, आकाशस्थ टेक्नालॉजीज और जीएस इंडिया शामिल हैं।
विभाग ने 24 फरवरी 2021 को दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना को पांच वर्षों में 12,195 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अधिसूचित किया था। भारत में दूरसंचार गियर विनिर्माण योजना के तहत 2.44 लाख करोड़ रुपये के उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने और लगभग 40,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने की उम्मीद है। कोरल टेलीकॉम के प्रबंध निदेशक राजेश तुली ने कहा, ‘‘यह सभी पीएलआई योजनाओं में पहली योजना है, जिसमें एमएसएमई भी शामिल है।’’
दूरसंचार विभाग के मुताबिक पात्र कंपनियों को उनके निवेश और वृद्धिशील बिक्री पर चालू वित्त वर्ष से 2025-26 तक प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। दूरसंचार विभाग के अनुसार, भारत में दूरसंचार उपकरण विनिर्माण योजना से पांच वर्षों की अवधि में 2.44 लाख करोड़ रुपये के उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। सरकार की पहले की गई एक घोषणा के अनुसार, दूरसंचार पीएलआई के तहत निवेश से लगभग 40,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
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