नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे की मदद से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बेहतर ढंग तरह से लागू किया जा सकेगा और अधिकतर जिंसों पर टैक्स का बोझ कम होने से कुल मिलाकर नई व्यवस्था में उपभोक्ता लाभ में रहेंगे।
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी पर बार-बार उठने वाले सवालों के निराकरण के लिए पहले से तैयार जवाबों की एक सूची में कहा है, मजबूत इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ढांचे से जीएसटी को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा। दक्षता बढ़ने से दुरुपयोग रुकने से अधिकतर जिंसों पर टैक्स बोझ नीचे आएगा, जिससे ग्राहकों को लाभ होगा।
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मंत्रालय ने आज बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का एक सेट जारी किया है। इसमें 14 सवालों के जवाब दिए गए हैं।
इसमें एक सवाल यह है कि जीएसटी कैसे लागू किया जाए, एफएक्यू में कहा गया है कि भारत के संघीय ढांचे को ध्यान में रखते हुए जीएसटी के दो अंग केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) तथा राज्य जीएएसटी (एसजीएसटी) होंगे। इसमें कहा गया है कि केंद्र तथा राज्य दोनों एक साथ जीएसटी लगाएंगे।
एफएक्यू में कहा गया है कि देश में जीएसटी क्रियान्वित करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने संयुक्त रूप से वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) बनाया है, जिसे एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी कंपनी के तौर पर पंजीकृत कराया है। यह कंपनी केंद्र तथा राज्य सरकारों, करदाताओं तथा अन्य संबंधित पक्षों को इस कर नेटवर्क के लिए सूचना प्रौद्योगिकी ढांचागत सेवाएं उपलब्ध कराएगी। एफएक्यू में यह भी कहा गया है कि आयात पर लगने वाला अतिरिक्त उत्पाद शुल्क या सीवीडी तथा विशेष
अतिरिक्त शुल्क या एसएडी जीएसटी के अंतर्गत समाहित होगा।
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