नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को निर्यातकों के लिए ऋण प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए ऋण आवंटन के संशोधित नियमों (पीएसएल) की घोषणा की। इससे निर्यातकों को 36,000 करोड़ रुपए से लेकर 68,000 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त वित्त पोषण मिलेगा। सीतारमण ने कहा कि निर्यातकों को ऋण के लिए पीएसएल नियमों की समीक्षा की जाएगी। दिशानिर्देशों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इससे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत निर्यात ऋण के लिए 36,000 करोड़ रुपए 68,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि वाणिज्य विभाग के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समूह निर्यात क्षेत्र को वित्त पोषण की सक्रिय निगरानी करेगा। इसके अलावा निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) निर्यात ऋण बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा। सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सालाना लागत 1,700 करोड़ रुपए आएगी। साथ ही यह ब्याज दर समेत निर्यात ऋण की पूरी लागत को विशेषकर लघु एवं मझोले कारोबारों के लिए कम करने में मदद करेगी।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि मुक्त व्यापार समझौता उपयोग मिशन की भी स्थापना की जाएगी। इसका मकसद निर्यातकों को उन देशों से शुल्क छूट दिलाने में मदद करना है जिनके साथ भारत ने संधि की है। इसके अलावा देश में चार स्थानों पर हस्तशिल्प, योग, पर्यटन, कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों के लिए वार्षिक शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित किए जाएंगे।
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