नई दिल्ली। अब घरेलू विमानन कंपनियां अब 18 साल तक पुराने विमानों का देश में आयात कर सकेंगी। केंद्र सरकार इस संबंध में दो दशक पुराने नियमों में बदलाव कर रही है। आंचलिक मार्गों पर हवाई संपर्क को बढ़ाने के महत्वाकांक्षी प्रयासों के तहत सरकार कई कदम उठा रही है। पुराने विमानों की खरीद संबंधी नियमों में बदलाव से विमानन कंपनियों को अपना बेड़ा बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी 15 साल से ज्यादा पुराने विमानों का आयात करने की अनुमति नहीं है।
घरेलू विमानन क्षेत्र में व्यापार सुगमता बढाने के प्रयासों के तहतनागर विमानन महानिदेशालय ने जुलाई 1993 से अमल में लाए जा रहे नियमों में बदलाव किया है। विमानन क्षेत्र में विकास की काफी संभावनाएं देखी जा रही हैं। इस क्षेत्र की संभावनाओं के फायदे के लिए नियमों में किए जा रहे बदलावों के तहत दबावनुकूलित हवाईजहाजों का आयात किया जा सकता है जो 18 साल से ज्यादा पुराने ना हो या जिन्होंने डिजाइन के अनुसार 50 फीसदी लैंडिंग पूरी न की हो। दबावनुकूलित हवाईजहाज वह विमान होते हैं जिनमें 10,000 फुट से ऊपर विमान के केबिन में वायु दाब में बदलावों को नियंत्रित रखने की सुविधा होती है।
सरकार बेकार बड़े कुछ हवाईअड्डों को सेज में बदलने पर विचार कर रही है जहां पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियां अपने विमान खड़े कर सकें और संभावित उपभोक्ताओं को दिखा सकें। यह बात आज एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने कहा कि इसके अलावा सरकार घरेलू विमानन क्षेत्र को और आकर्षक बनाने की कोशिश के तौर पर पट्टे पर विमान देने की लागत घटाने की संभावना भी तलाशेगी।
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