नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और गरीबी पूरी तरह से समाप्त करने के लिए 10 फीसदी की दर से आर्थिक ग्रोथ की जरूरत है। देश की वृद्धि दर 2015-16 में 7.6 फीसदी जबकि अर्थव्यवस्था 1700 अरब डॉलर की थी।
सिविल सेवा दिवस के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में अमिताभ कांत ने अपनी प्रस्तुति में यह भी कहा कि 10 फीसदी की वृद्धि दर से 2032 तक 17.5 करोड़ रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिए। उन्होंने अपनी प्रस्तुती में कहा, दस प्रतिशत की दर से वृद्धि भारत में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगी। भारतीय अर्थव्यवस्था 2032 तक 10,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होगी और कोई गरीबी नहीं होगी।
प्रशांत सागर में तथाकथित ला नीना प्रभाव से भारत में मानसून अच्छा रहने की संभावना और बारिश अच्छी रही तो देश में खपत बढ़ेगी तथा निवेश और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को भी प्रोत्साहन मिलेगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी डॉयचे बैंक की रिपोर्ट के अनुसार इस साल देश को कुछ सकारात्मक आश्चर्य देखने को मिल सकते हैं। डॉयचे बैंक के शोध नोट में कहा गया है, ग्रामीण क्षेत्रों की परेशानी दूर करने के लिए भारत को जोरदार बारिश की जरूरत है। यह बेहतर तरीके से सभी क्षेत्रों में वितरित होनी चाहिए। इसके साथ ही ला नीना घटनाक्रम से उपभोग, निवेश और जीडीपी की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।
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