नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि वह वित्त वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटे के सकल घरेलू उत्पाद के 3.9% रहने के आंकड़े को प्राप्त करने में सफल रही है। पूर्व वित्त वर्ष के अस्थायी लेखा आंकड़ों को जारी करते हुए नियंत्रक एवं महालेखाकार ने कहा, वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.9% यानी 5.32 लाख करोड़ रुपए रहा।
वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को 3.5 फीसदी पर लाने का है। राजकोषीय घाटा सरकार के राजस्व और खर्च के बीच का अंतर होता है। उन्होंने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में सरकार का राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 फीसदी रहा। राजस्व घाटा लक्षित राजस्व और राजस्व वसूली के बीच का फर्क है। अस्थायी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में राजकोषीय घाटा 1.37 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह राशि 2016-17 के बजट में अनुमानित वार्षिक राजकोषीय घाटे के 25.7 फीसदी के बराबर है। पूरे वित्त वर्ष में इसके 5.33 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
नियंत्रक एवं महालेखाकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2016 में सरकार का व्यय 1.61 लाख करोड़ रुपए रहा जो बजट में अनुमानित पूरे वर्ष के खर्च का 8.2 फीसदी है। इस खर्च में योजनागत मद में 45,543 करोड़ रुपए व्यय किए गए जबकि गैर योजनागत व्यय 1,16,442 करोड़ रुपए रहा। इस अवधि में सरकार का राजस्व संग्रह 22,075 करोड़ रुपए रहा और सरकार की राजस्व और ऋण को छोड़ कर पूंजीगत प्राप्तियों से हुई कुल आय अप्रैल में 24,659 करोड़ रुपए रही। अप्रैल में सरकार का राजस्व घाटा 1,19,075 करोड़ यानी 33.6 फीसदी रहा।
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